देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
अर्थ: आपके सानिध्य में नंदी व गणेश सागर के बीच खिले कमल के समान दिखाई देते हैं। कार्तिकेय व अन्य गणों की उपस्थिति से आपकी छवि ऐसी बनती है, जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता।
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
शिव चालीसा के माध्यम से आप भी अपने read more दुखों को दूर करके शिव की अपार कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
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हरं सर्पहारं चिता भूविहारं भवं वेदसारं सदा निर्विकारम् ।
स पुत्रं धनं धान्यमित्रं कलत्रं विचित्रं समासाद्य मोक्षं प्रयाति ॥
पाठ पूरा हो जाने पर कलश का जल सारे घर में छिड़क दें।
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर । भये प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥